hindi kahaniya story - An Overview
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hindi kahaniya
पत्नी एक युवक के साथ लिपटकर सोई हुई थी. उस धनी युवक का दिमाग बिलकुल काम नही कर रहा था, मै विदेश में भी इसकी दिन ब दिन चिंता किये जा रहा था.
हम पांच आपके पास आ रहे थे, कि मार्ग में दूसरा सिंह अपनी गुफा से निकलकर आया और बोला- अरे किधर जा रहे हो तुम सब, अपने देवता को याद कर लो, मै तुम्हे खाने आया हु.
एक शाम, बहुत बड़ा तूफान आया, जिसमें भारी बारिश हुई। तूफान ने कई पौधों को नष्ट कर दिया।
मेरी पुत्री विवाह योग्य हो गईं है और मुझें उसके विवाह की चिंता है, लेकिन मेरे पास पर्याप्त धन नही है.
यह सुनकर उस धनी युवक की आँखों से प्रेम की धारा बह पड़ी, और बेटी को गले लगा दिया. तभी वह मन ही मन सोचने लगा,
कुरज तो आकाश में अद्रश्य हो गईं, उन्दरा पाताल में अद्रश्य हो गया.
उनका व्यवहार एक आदर्श मित्र के सर्वथा अनुकूल हैं. कविवर रहीम ने लिखा हैं.
तब वह कुरज उन बच्चों के चुग्गे की खोज में उड़ी. उड़ते-उड़ते उन्हें तोते के पंख जैसा हरा खेत नजर आया.
आप उसकी मदद करों. उसकी परेशान मत करो सताओ मत , उन्हें लगा कि उसने माँ की बात न मानकर बहुत बड़ी भूल की हैं आगे से वह अपनी माँ की हर आज्ञा का पालन करेगी.
और इस कुरज को छोड़ दो, पर उस खेत का मालिक बेहद लोभी किस्म का इंसान था.
वहां उसने एक बेल पर अंगूर लगे देखे तो लोमड़ी के मुह पानी आ गया.
हंसो हंसाओ,,,,लाइफ बनाओ अनिल कुमार लववंशी "पा ग ल"
महात्मा जी ने लोहा गर्म देखकर चोट की और उन्हें समझाते हुए कहा- तनिक विचार करो कि जिस भूमि के लिए तुम लोग आपस में लड़ रहे हो,
शिक्षा; साहस जो करता हैं, जग में होता हैं उसका नाम.